पापा को हमेशा कहती हूं मैं,
क्यों दिए संस्कार अच्छे होने के।
क्यों न सिखाई दुनियादारी,
क्यों न सिखाया झूठ बोलकर दूसरोंकी निदा कर
दूसरोंको तंग करना।
क्यों न सिखाया,
बिनामतलब के लोगों के ज़िंदगीसे खिलवाड़ करना...
क्यों न सिखाया....
क्यों सिखाया सब खो कर भी,
आत्मसन्मान न खोना.
क्यों सिखाया सब खो कर भी
ख़ुदको पा लेना...
अप्रतिम
उत्तर द्याहटवाधन्यवाद
उत्तर द्याहटवा